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By Engineer Badshah
Sun, 27-Sep-2020, 06:08

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जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर खूबसूरत नात

जश्ने ईद मिलादुन्नबी नात शरीफ गजनेर

By-badshah
हम अपने नबी पाक से यू प्यार करेंगे हर हाल में सरकार का मिलाद करेंगे नात
मरहबा मरहबा मरहबा मुस्तफ़ा
मरहबा मरहबा मरहबा मुस्तफ़ा

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

जश्ने-विलादत की रोनक़ पे यारों
मरते हैं सुन्नी मरते रहेंगे
अपने नबी की अज़मत का चर्चा
करते हैं सुन्नी करते रहेंगे

कुछ जलने वाले देख के केहते हैं हमेशा
सरकार की आमद पे लगाते हो क्यूँ पैसा
ये पैसा तो क्या चीज़ है हम घर भी लुटादें
कोई नहीं जहां में सरकार के जैसा

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

मेरे सरकार आए, मेरे दिलदार आए
मेरे सरकार आए, मेरे दिलदार आए

मेरे नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा
प्यारे नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा
लजपाल नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा
ग़मख़्वार नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा

साहिबे-मेअराज नबी
आसियों की लाज नबी
नबीयों के सरताज नबी
कल भी थे और आज नबी
दो जहाँ के राज वाले मेरे नबी आ गए

हर ख़ारजी फसादी वतन से भगाएंगे
पढ़ के दुरूद सब को मीलादि बनाएंगे
लाएंगे हम हुज़ूर का इस्लाम तख़्त पर
ला दीनियत के सारे बुतों को गिराएंगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

तकलीफ होती है तुझे मिर्चें भी लगती हैं
जब बारह्वी पे लाइटों से गलियां भी सजती हैं
क्यूँ चिड़ता है तू देख के झंडों की बहारें
ताज़िमे-नबी हो तो सभी अच्छी लगती हैं

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

निसार तेरी चहल-पहल पर, हज़ारों ईदें रबीउल-अव्वल
सिवाए-इब्लीस के जहाँ में सभी तो ख़ुशियाँ मना रहे हैं

लालच न दो, हम नामे-मुहम्मद पे मरेंगे
मीलाद पे समझौता किया है न करेंगे
बर्दाश्त ना करेंगे जुलूसों पे रुकावट
मिलादे-मुहम्मद का मिशन जारी रखेंगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

तेरा खावां में तेरे गीत गावां या रसूलल्लाह
तेरा मीलाद मैं क्यूँ ना मनावां या रसूलल्लाह

तालीम पेहले दूंगा मुहम्मद के जश्न की
तेहज़ीब सिखाऊंगा मुहम्मद के जश्न की
विरसे मे छोड़ जाऊंगा मीलाद की लगन
मेरे भी बच्चे जश्ने-विलादत मनाएंगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

मेरे नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा
प्यारे नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा
लजपाल नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा
ग़मख़्वार नबी आ गए मरहबा या मुस्तफ़ा

हम अपनी मुहब्बत का यूँ ऐलान करेंगे
हम जश्ने-मुहम्मद पे फ़िदा जान करेंगे
मीलाद की रैलियो-जुलूसों में ले जाकर
औलाद भी सरकार पे क़ुर्बान करेंगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

क़ीमत जहाँ में अपनी उजागर गिराओगे
आक़ा को छोड़ कर कभी इज़्ज़त न पाओगे
मज़बूत करलो रिश्ता नबी से तो जियोगे
रिश्ता नबी से तोड़ोगे तो टूट जाओगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

साहिबे-मेअराज नबी
आसियों की लाज नबी
नबीयों के सरताज नबी
कल भी थे और आज नबी
दो जहाँ के राज वाले मेरे नबी आ गए

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